मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 21 January 2013

प्रेम


जय जिनेन्द्र मित्रों ........शुभ प्रात: प्रणाम
एक बार गोबिन्दराव ने एक छोटा सा पत्र गांधीजी को भेजा  - उसमे लिखा था –बिशप नाम का एक युवक पहाड़ी पर चढ रहा था !उस समय  एक छोटी लड़की अपने भाई को कंधे पर लेकर चढ रही थी ! बिशप ने पूछा –“अरे यह लड़का तो तेरे लिए बहुत भारी है ! कैसे उठा कर पहाड पर चढ सकेगी तु इसे ?”
लड़की ने मासूमियत से जबाब दिया –“जरा भी भारी नहीं है ! यह तो मेरा भाई है !”
उस पर बापू ने वापस पत्र में लिखा –कितना महान विचार है ? यह भारी नहीं है ! यह तो मेरा भाई है !भारी से भारी चीज भी पंख जैसी हलकी बन जाती है जब प्रेम उसे उठाने वाला हो !

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