मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 8 January 2013

good morning


सत्पुरुष का संकल्प ,वज्रमय होता है और ह्रदय नवनीत के समान ! वे अपने निश्चय में मेरु कि तरह अचल ,अभेद्य होते हैं और संकल्प में वज्र के समान सुदृढ़ ! किन्तु दूसरों का दुःख देख कर उनका कोमल दिल मक्खन की तरह पिघल जाता है और वज्र संकल्प के साथ उसे दूर करने के लिए सुदृढ़ हो जाते हैं !

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