मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 14 January 2013

शुभ प्रात: प्रणाम


जय जिनेन्द्र मित्रों शुभ प्रात: प्रणाम

जिसका ह्रदय शांत हो गया है ,जो क्लेशों से दूर है ,जो विचार पूर्वक कम बोलता है और कभी अहंकार नहीं करता ,वह अपने पाप धर्मों ,क्लेशों को उसी प्रकार उड़ा देता है जिस प्रकार हवा वृक्ष के सूखे पत्तों को !

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