मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday 29 January 2014

कर्मों का है फल सब कुछ

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !

भगवान न किसी को कुछ देते हैं ,न ही कुछ छीनते हैं ! न किसी का बुरा करते हैं ,न ही भला ! सब कुछ पूर्वकृत कर्मों का फल है जो हमें भोगना ही पड़ता है ! भगवन की भक्ति से आगे के लिए शुभ कर्मों का बंध होता है ,मनोबल बढ़ता है व कठिन परिस्थितियों से जूझने की क्षमता का विकास हो जाता है ! 

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