मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 9 January 2014

बोलना अच्छा या मौन रहना अच्छा

बोलना अच्छा या मौन रहना अच्छा 
जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ प्रात: !

बोलना अच्छा या मौन रहना अच्छा ? हमें यह विवेक करना है कि कहीं कहीं मौन करना अच्छा व कहीं पर बोलना भी अच्छा ! जो व्यक्ति विवेक नही कर पता वह समस्या पैदा कर लेता है ! यह विवेक भी करना होता है कि लाभ अच्छा है या अलाभ ! हम यह नही कह सकते हैं कि लाभ अच्छा ही है और यह भी नही कह सकते कि अलाभ अच्छा नही ही है ! कभी कभी ऐसा होता है कि अलाभ व्यक्ति को आगे बढ़ा देता है ! कुछ मिला नही ,ये भाव आते ही मन में कुछ नया करने की भावना जागती है और व्यक्ति बहुत आगे बढ़ जाता है !

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