मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 30 January 2014

अपने लिए जिये तो क्या जिये .........

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !


क्या मार सकेगी मौत उसे औरों के लिए जो जीता है ,
मिलता है जहाँ का प्यार उसे औरों के जो आँसू पीता है !
होना होता है अमर जिन्हें वो लोग तो मरते ही आये,
औरों के लिए अपना जीवन कुर्बान वो करते ही आये !

धरती को दिया जिसने बादल वो सागर कभी ना रीता है ,

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