मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 4 March 2014

कर्म

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !


तुम साफ़ दिल से जो भी विश्व मंगल के लिए कार्य करना चाह्ते हो ,शान के साथ करते चले जाओ ! मत लजाओ किसी से , मत भय खाओ किसी से ! दुसरे क्या कहते हैं ये नही सुनना है , आपका मन क्या कहता है यही काफी है ! हर युग में कृष्ण जीते हैं ,कंस हारा है ! द्रोपदी की विजय हुई है ,दु:शासन हारता रहा है ! 

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