मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 7 March 2014

दीपक और कर्तव्य

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !


दीपक की दृष्टि अपने कर्तव्य कर्म में है ! महल और झोंपड़ी में नही ! दीपक बनकर प्रज्वलित रहिये ,सुख में भी ,दुःख में भी ! दोनों तुम्हारे दास हों ,तुम्हारे अधिकार में हो ,आज्ञाकारी सेवक की तरह ! 

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