मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

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Saturday 8 March 2014

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !

आज हम सब एक दुसरे को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दे रहे हैं ! क्या है ये ? आज इस दिवस को मनाये जाते हुए लगभग सौ वर्ष हो चुके हैं लेकिन क्या हम सच्चे ह्रदय से ये मान सकते हैं की हम महिलाओं को वो समुचित सम्मान व स्नेह देते हैं जिसकी वे हकदार हैं ? अपने आसपास ही देखता हूँ तो पाता हूँ कि ऐसा नही है ! आज भी हम महिलाओं को एक भोग की वस्तु से अधिक शायद नही समझ रहे ! एक खिलौना मात्र बस ! वरना फेसबुक जैसी नेट्वर्किंग साईट पर  क्या एक सम्मानीय बहन की निजी प्रोफाइल फोटो पर ऐसी खतरनाक शायरी पोस्ट करेगें ?
आप की इस दिल्लगी पर हम अपना दिल खो बेठे
कल तक उस खुदा के थे आज हम आपके हो बेठे
इश्क सुना तो था कि अपना दीवाना बना लेता है
पर आज खुद करके हम भी अपना होश खो बेठे !
आये दिन देखता हूँ कोई ना  कोई व्यक्ति यहाँ किसी महिला को तंग करता हुआ और अपने जाल में उलझाने की कोशिश करता हुआ सा दिखाई देता है ! बेवजह उटपटांग सन्देश करके महिलाओं को तंग करना ऐसे लोगों की आदत बन गयी है ! मुझे ये सब इसीलिए दिखाई दे ही जाता है कि अपने काम करते हुए  साथ साथ मेरा काफी समय इंटरनेट पर गुजरता है ! जरा अपने अंदर हम झाँक कर देखें और फिर मनाएं महिला दिवस !
इतिहास महिला दिवस का ......
अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आवाहन, यह दिवस सबसे पहले सबसे पहले यह 28 फरवरी 1909 में मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन के सम्मेलन में इसे अन्तरराष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिलवाना था क्योंकि, उस समय अधिकर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।

1917 में रुस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिये। उस समय रुस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनो की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखरी इतवार 23 फरवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में (यहां तक रूस में भी) ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। इसी लिये 8 मार्च, महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। (as read from Wikipedia )

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