मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Sunday 9 March 2014

गुण ग्रहण का भाव रहे बस दृष्टि न दोषों पर जाए ....

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !


सामान्य मनुष्यों की बात नही , मनुष्य के दोष दर्शन की दृष्टि ने ईश्वर एवं भगवान कहे जाने वाले महापुरुषों के कार्य की समीक्षा करते हुए उनमे भी दोष ढूँढ लिए हैं !  सँसार में कोई भी बात या स्थिति ऐसी नही है जो सर्वथा निर्दोष हो या सर्वथा गुणरहित हो ! मित्रता के व्यवहार से हम अपने प्रतिपक्षी विरोधियों को भी अपना अनुकूल मित्र बना सकते हैं ! 


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