मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 13 March 2014

सुख हो या दुःख

जय जिनेन्द्र दोस्तों ! भाइयों और बहनों ! प्रणाम ! नमस्कार ! शुभ  प्रात: !

सुख हो अथवा दुःख हो , प्रिय हो अथवा अप्रिय , जो भी प्राप्त होता जाए ,उसे स्वीकारते जाओ ! किन्तु सावधान रहना , मन को पराजित मत होने देना ! न मन को उछलने देना और न गिरने देना !

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