मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 15 February 2013

दशा और दिशा


मित्रों जय जिनेन्द्र ......शुभ प्रात: प्रणाम
दुःख है , इसे स्वीकार करो  और वह दुःख  दूर किया जा सकता है ,इस पर भी विश्वास रखो ! तुम अपने जीवन मे ही मुक्ति दशा को प्राप्त कर सकते हो ,आवश्यकता है बस दिशा को बदलने की !

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