मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 28 February 2013

ना इस किनारे का पता न उस किनारे का पता !


जय जिनेन्द्र बंधुओं ! प्रणाम ! शुभ प्रात: !
ना इस किनारे का पता न उस किनारे का पता ! 

Without knowing the beginning or the end , the man sits down to measure up the sky.

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