मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Friday 8 February 2013

जय जिनेन्द्र



जय जिनेन्द्र बंधुओं ....शुभ प्रात: प्रणाम
धन ,बल व विद्या जब तक पच नहीं जाते तब तक मनुष्य अहंकार के रोग से ग्रस्त रहता है ! किन्तु जब वे हजम हो जाते हैं तो वे ही मनुष्य को विनम्र बना देते हैं !

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