मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday 20 February 2013

कर्म सिद्धान्त

जय जिनेन्द्र बंधुओं ...........प्रणाम शुभ प्रात:
बीजारोपण किया जाता है ! कुछ में अंकुरण  शीघ्र होता है कुछ में विलंब से ! फलोत्‍पत्ति में भी समय की न्‍यूनाधिकता पाई जाती है ! फलों का स्‍वाद भी रुचिकर एवं अरुचिकर होता है ! यही सिद्धांत कर्मों पर भी लागू होता है !

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