मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Sunday 7 October 2012

धन्य हैं ये नेत्र मेरे धन घडी शुभ आज दिन ....


धन्य हैं ये नेत्र मेरे धन घडी शुभ आज दिन ....
आज इतनी खुशी मिली है कि उसे शब्दों में बयाँ करना आसान नहीं ! वैसे तो कई बार हमें मुनि आर्यिकाओं कि चरण रज अपने आफिस व घर में प्राप्त करने का अवसर मिला है लेकिन आज गुरुवर आचार्य गुप्तिनंदी जी महा
राज ,ससंघ मुनिश्री सुयश गुप्त जी ,मुनिश्री महिमा सागर जी व मुनिश्री चन्द्रगुप्त जी और आर्यिका माता आस्थाश्री जी व क्षुल्लिका माता धन्यश्री जी मेरे आफिस में पधारे ! एक साथ इन सबको दर्शन वंदन करके हमारे हर्ष का ठिकाना नहीं था ! उनके पाद प्रक्षालन करके व आरती वंदन करके आज हम सपरिवार गौरवान्वित हुए ! मेरे ये चर्म चक्षु इस अवसर को आजीवन नहीं भूल सकता ! अवसर था विहार करते हुए ग्रीन रोड ,जैन मन्दिर में प्रवचन के लिए जाने का !
धन्य है इनका जीवन व साधना ........हम सभी पर आपका आशीर्वाद बना रहे !


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