मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 8 October 2012

अनुभव शिविर के


मै परम पूज्य आचार्य गुप्तिनंदी जी गुरुदेव को कोटि कोटि नमन करती हूँ ,जिनकी कृपा से मुझे ऐसा ज्ञान प्राप्त हुआ जिसका मै वर्णन नहीं कर सकती हूँ ! मुझे हर समय ऐसा महसूस होता है कि मुझे मेरे गुरुदेव आशीर्वाद दे रहे हैं और मेरे सहस्रार चक्र में विराजमान हैं ! इस अपार कृपा के लिए मै आपका बहुत बहुत धन्यवाद करती हूँ और आपसे प्रार्थना करती हूँ कि आप की कृपा मुझ पर ऐसे ही बरसती रहे !
अनीता जैन
बैंक कालोनी
रोहतक 

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