मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 7 November 2011

अनमोल वचन

                     अनमोल वचन
         जो व्यक्ति श्रद्धा से साधना करता है ! उसकी साधना एक दिन अवश्य ही फलित होती है ! जो विचलित हो जाता है ,साधना में विश्वास नहीं रखता ,वह संसार में भटकता रहता है !
         चरित्रहीन की हमेशा चरित्रवान से हार होगी ,क्योंकि चरित्र बल सब से श्रेष्ठ है !
         आत्मा के अलावा अन्य जो भी बाह्य पदार्थ हैं ! वे सब नाशवान हैं ,अस्थिर हैं ! आत्मा अजर ,अमर ,अटल ,शाश्वत है !
        लक्ष्य के इच्छुक व्यक्ति को लक्ष्य के प्रति श्रद्धा होना आवश्यक है! यह बात सांसारिक ,सामाजिक व आध्यात्मिक हर क्षेत्र में लागू होती है  

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