मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

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कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 10 November 2011

अनमोल वचन

                 अनमोल वचन
           दूसरों को धोखा देकर कोई भी सुख से नहीं रह सकता स्वयं का कुटिलता पूर्ण व्यव्हार स्वयं के लिये दुखद सिद्ध होता है अत: किसी के साथ भी कुटिलता पूर्ण व्यह्व्हार नहीं करना चाहिये
          हर व्यक्ति पर मिष्ठ वचन का प्रभाव पड़ता है ! दुनिया को वश में करने केलिये मिष्ठ वचन एक महामंत्र है मिष्ठ वचन से शत्रु भी मित्र बन जाते हैं और मिष्ठ वचन के अभाव में मित्र भी शत्रु बन जाते हैं अत: कर्कश शब्दों का परित्याग करके मधुर वचन का प्रयोग परम अपेक्षा रखता है!
  मधुर वचन से शत्रु भी बन जाता है मित्र
  वश में करने जगत को है यह मन्त्र पवित्र
  खुदा को नापसंद थी शक्ति जबान में 
  इसीलिए न दी ,उसने हड्डी जबान में 

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