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Saturday 26 November 2011

उत्तम आहार है शाकाहार


     
जैसा खाओगे अन्न ,वैसा होवे मन
          आज वैज्ञानिक  प्रयोगों से यह बात स्पष्ट हो गयी है कि मनुष्य जैसा अन्न खाता है वैसा उसका मन होता है ! व्यक्ति के भोजन से उसके विचारों का गहरा सम्बन्ध है !जो व्यक्ति सात्विक भोजन करते हैं उनके विचार भी अत्यंत सात्विक होते हैं और जिनके भोजन में तामसिक चीजों की बहुलता होती है ,जो मांसाहार करते हैं और अन्य अभक्ष्य पदार्थों का सेवन करते हैं उनके विचार उतने ही विकृत हो जाते हैं ! अमेरिका में एक सर्वेक्षण हुआ ,वहां के तीस नृशंस अपराधियों पर जो किया गया !दस दस व्यक्तियों के तीन ग्रुप बनाये गए ! पहले ग्रुप को छ महीने तक गाय का शुद्ध दूध पिलाया गया ,दूसरे ग्रुप को चावल और शाकाहारी भोजन कराया गया !और तीसरे ग्रुप के लोगों को पूर्ववत मांसाहार दिया गया ! उन्होंने अपने सर्वेक्षण की रिपोर्ट में लिखा कि जिस ग्रुप को शुद्ध दूध दिया गया ,उसके अंदर दो महीने में ही अपराध बोध हो गया ,जो कभी अपना अपराध स्वीकारते नही थे ,उनके अंदर अपराध बोध शुरू हो गया और पश्चाताप भी प्रारंभ हो गया ! जिन्हें शुद्ध शाकाहारी भोजन और चावल दिया गया था छ महीने में उनके अंदर अपराध बोध शुरू हो गया और उन्होंने भी अपना अपराध स्वीकार कर लिया !लेकिन जो तीसरा ग्रुप था उनमे अपराधिक प्रवर्ति घटने कि जगह बढ़ गयी क्योंकि उन्हें मांसाहार दिया गया था ,उनका खान पान अशुद्ध था  और फिर उस आधार पर लिखा कि मनुष्य जैसा भोजन करता है ,उसके विचारों पर वैसा ही प्रभाव पड़ता है !
          यही बात हमारे यहाँ तो बहुत पहले ही कही गयी और लोकाक्ति भी बन गयी कि जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मनइसीलिये मांसाहार का सभी को त्याग करना चाहिये ! मांस भक्षण में हिंसा है और हिंसा अधर्म है ! भारतीय परम्परा शाकाहारअपनाने कि बात करती है ! मांसाहार अनेक रोगों का जन्मदाता भी है ! सभी धर्म ग्रंथों में अहिंसा को महत्व देते हुए शाकाहार अपनाने की बात की गयी है !
          मनुष्य की शारीरिक संरचना भी मांसाहार के अनुकूल नही है ! मनुष्य के दांत ,आँत ,नाख़ून ,जीभ आदि सभी शाकाहारी प्राणियों की तरह ही है !कोई भी मनुष्य पूर्णत: मांसाहार पर नही रह सकता ! जबकि मांसाहारी प्राणियों के जीवन का मूल आधार मांस ही रहता  है ! मांसाहारियों के दाँत तीक्ष्ण ,आंते छोटी एवं नाख़ून पैने होते हैं ,जबकि शाकाहारियों की आँत लंबी होती है ! मांसाहार आंतों के कैंसर का प्रमुख कारण है !
          मांस की तरह अंडा भी मांसाहार के ही अंतर्गत आता है ! यह सिद्ध हो चूका है कि कोई अंडा शाकाहारी नही है !अंडे को शाकाहारी निरुपित करना अहिंसक संस्कृति के साथ एक मजाक है !क्या कोई अंडा पेड पर उगता है ? क्या साग सब्जी कि तरह अंडे को खेतों में उगाया जा सकता है ? अंडा भी शाकाहारी नही है वह तो मुर्गी के जिगर का टुकड़ा है !
          वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया है कि अंडा ,मांस और मछली सभी हमारे स्वास्थ्य के लिये घातक हैं ! अमेरिकी वैज्ञानिक माइकल एस .ब्राउन और डॉक्टर जोसेफ एल .गोल्द्स्तीम जिन्हें सन 1985 में नोबेल पुरस्कार मिला है ,ने सिद्ध कर दिया है कि अंडे से हार्ट अटैक कि सम्भावना बहुत बढ़ जाती है !इसलिए उत्तम आहार सिर्फ शाकाहार ही है ! शाकाहार अपनाओ ,जीवन को उन्नत बनाओ !
  मुनिश्री 108 प्रमाण सागर जी की दिव्य जीवन का द्वारसे

                       

2 comments:

  1. what is BHOJAN AUR AAHAAR. AAHHAR MEANS AROGYA VARDHAK AUR HANIRAHIT AND BHOJAN MEANS BHOG SE JEEWAN NASHTA HONA.LIKE WISE SHAKAHAAR MEANS SHANTI KARAK AUR AROGYA VARDHAK . it is need of the hour that we are inviting many diseases by eating/taking unwanted things like non vegs, meats, eggs and others, if we will be cautioned so we will face many harmful diseases.and due to these we are wasting time money energy and national a, personal, social and family losses. we will propagate that ' TAN MAN, DHAN KARTA KOUN KHARAAB, MACHHALI ANDA MANSA SHARAB. (BODY , MIND AND WEALTH ARE RUINED BY FISHES, EGGS, MEAT, AND WINES. )JAI JINENDRA,

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  2. शाकाहार और अहिंसा पर सुन्दर आलेख!! बहुत बहुत शुभ्कामनाएं

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