मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday 30 November 2011

कल्पनाएँ

मनुष्य अपने जीवन में अनेक कल्पनाएँ संजोता है !
किन्तु कल्पनाये किसी की पूरी नही हुई होती ,अचानक 
मौत आ जाती है ,कल्पनाएँ -कल्पनाएँ ही रह जाती हैं 
अत : शुभ कार्य में देरी न करें !

4 comments:


  1. दिनांक 27/01/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    -----------
    'हो गया क्यों देश ऐसा' .........हलचल का रविवारीय विशेषांक.....रचनाकार....रूप चंद्र शास्त्री 'मयंक' जी

    ReplyDelete
  2. गहन अभिवयक्ति......

    ReplyDelete
  3. आप सभी का धन्यवाद् ......कोई भी व्यक्ति पोस्ट का लिंक देकर शेयर कर सकता है ...धन्यवाद सभी का

    ReplyDelete