मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 27 December 2011

आज का विचार 27.12.2011

स्वपन में भी किसी के प्रति दुर्भावना न  होना 
सच्चा धार्मिक बनने की दिशा में पहला कदम है !

सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं

को यथोचित नमोस्तु,वन्दामि ,  मत्थेण वन्दामि  ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार

शुभ प्रात:

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