मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 1 December 2011

अनुभव

प्रशिक्षण के साथ - साथ चिंतन , मनन व 
अनुभव की अपेक्षा है ! अनुभव के अभाव 
में शिल्प व विद्या भी घातक सिद्ध होगी !

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