मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Sunday 18 December 2011

हँसना

"We may laugh with anyone but should never laugh at anyone"
हम किसी के साथ चाहे हंसें ,पर भूलकर भी किसी पर न हंसें !
किसी व्यक्ति के साथ हँसना और किसी व्यक्ति पर हँसना बड़ी 
अलग अलग चीजें हैं ! हम दूसरों की हंसीं उड़ाते हैं .पर जो दूसरों 
की हँसी उड़ाता  है ,एक दिन उसकी जग हँसाई होती है !व्यक्ति 
उस बात  ध्यान में नही रखता ! विनोदप्रियता में ,मजाक मजाक 
में ऐसे खोटे कर्म बाँध लेता है !जिसे भोगने के लिये ,भव भव में 
मजबूर होना पड़ता है !
मुनिश्री  108 प्रमाण सागर जी "दिव्य जीवन का द्वार " में
सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:

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