मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Monday 12 December 2011

मनुष्य का मूल्यांकन

सच्चाई व इमानदारी से ही मनुष्य का मूल्यांकन 
होता है ! प्रामाणिक व्यक्ति ही जीवन में उन्नति 
कर सकता है ! प्रामाणिकता जीवन की अमूल्य
निधि है ,इसकी रक्षा अवश्य करनी चाहिए !
सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:

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