मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday 21 December 2011

नारी

किसी विचारक ने कहा है 
" नारी में जब वात्सल्यमयी भावनाएं ,करुणा ,दया ,
 ममत्व की कमी होती है ,तब क्रूरता उभरती है ,
क्रूरता अनुकरणीय नही है ,जिस दिन नारी उसे स्वीकार कर 
लेगी उस दिन समस्त सदाचारों में विप्लव आ जाएगा !"

 सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:

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