मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Saturday 10 December 2011

मौन

"मौनेल कलहो नास्ति "  अर्थात मौन रखने से कलह
शांत हो जाते हैं ! वर्षों का मनमुटाव  भी समाप्त हो
सकता  है  और परस्पर  सौहार्द  का  सागर  उमड़ने
लगता  है ! अत: समय  पर मौन  रखना   अत्यंत
आवश्यक है ! 
सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:

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