मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Thursday 8 December 2011

साधु

  बाहरी आडम्बर और झूठे दिखावे वाले साधुओं
  के संग से आत्मज्ञान कभी भी नही मिल सकता
  अगर किसी को आत्मा का ज्ञान करना है ,
  जीवन का कल्याण करना है ! तो त्यागी ,वैरागी
  सच्चे वीतरागी साधुओं का संग और सत्संग करना
   चाहिये !

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