मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Wednesday 14 December 2011

न्याय

प्रत्येक व्यक्ति को सत्य व न्याय पर अटल रहना 
चाहिये ! धन के आगे भी जो न्यायमार्ग को नही 
छोड़ता है ,व्ही इस विश्व में प्रतिष्ठावान बन 
सकता है !
सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामी,मथे वन्दना ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार
शुभ प्रात:

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