मेरा अपना इसमें कुछ भी नहीं .........

जो भी कुछ यहाँ लिखा है जिनेन्द्र देव और जैन तीर्थंकरों की वाणी है !

जैन साधुओं व साध्वियों के प्रवचन हैं !!

सभी को इसे Copy/Share करने की स्वतंत्रता है !

कोई कापीराइट नहीं ..........

Tuesday 17 January 2012

आज का विचार 17.01.2012



सागर मे गोता  लगाने पर मोती  न मिले तो ये मत
समझो कि सागर मे मोती  नही हैं! धर्म से ही शांति
मिलेगी ,आज नही तो कल !

आर्यिका 105 माता स्वस्ति भुषण जी की
“एक लाख की एक एक बात “ से सभी मुनि,आर्यिकाओं ,साधु,साध्वियों,श्रावक,श्राविकाओं
को यथोचित नमोस्तु,वन्दामि , मत्थेण वन्दामि ,जय जिनेन्द्र,नमस्कार


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